Sunday, December 17, 2017

प्रभु के हर फैंसले

प्रभु के हर फैंसले पर उनके इरादे बुलन्द होते हैं....
जिन्हें अपने कर्मों पर यकीन होता है!!!!!

जिस प्रकार शीतल जल प्रदान करने वाले मटके को
पहले मिट्टी के रूप में रौंदा जाता है
फिर आग में 
पकाया जाता है
तब वो ऐसा बनता है कि लोग
उसकी तलाश में उस तक आतें हैं!!!!!!!

उसी तरह प्रभु हमें कुछ नया सृजन करने हेतु जब चुनते हैं
तब हमें पहले हर.जगह रौंदा जाता है

ऐसा भी वक्त आता है कि हमें हमारी परछायी तक
नजर नहीं आती|
सबसे बड़ी बात तो यह है कि रौंदने
वाले यह भूल जाते हैं कि हम कब जीवन के संघर्ष में
पकने लगे और उनके पैरों में चुभने वाले कांटे हमारे हौंसले
के रूप में उग चुके हैं|

क्यूं कि हमें यकीन है अपने कर्मों पर
अपने परमात्मा पर|

शिकवा न करो रब से,
गर कर्मों पर यकीं हो तुमको!!!!
हर खेल तुम्हारा देख रहा....
मानो या न मानो तुम रब को!!!!

मेरे विचार मेरी कलम से...

शिवकान्ति आर कमल
 ( तनु जी )

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