सभी प्यारी आदरणीया माताओं, बहनों, भाभियों को मेरी तरफ से करवाचौथ पर यह कविता समर्पित----💐💐💐💐💐💐
*मोहब्बत का दरिया निरंतर*
हर तरफ चाँद है,
चांदनी भी है शीतल----
ओस की बूंदों से पलकें सजाकर,,,,
वो चाँद में देखती,
चाँद को आज अपने----
चाँद के जैसी दुल्हन,
यूँ अम्बर से कहती----
छुपाया क्यों है तूने,
आज चाँद अपना-----
मुद्दत है गुजरी बिना चाँद देखे,,,,
जी भर निहारूँ,,,
चाँद सा अपना सजना------
चाहतों में भी,
कुछ खुमारी भरी है,,,,,
दिलों में अजब,
बेकरारी बढ़ी है-----
दिल की बेचैनियां,
न उनकी बढ़ा,,,,
चाँद जिसका है दूर,
सरहद पर खड़ा------
चाँद में अपना चंदा,
निहारा करें,,,,
दिलवर को दिल से,
पुकारा करें------
हवा का ये झोंका,
दिल में जो धँसता----
मोहब्बत का प्याला है,
पल-पल छलकता-----
दिल के समंदर का साहिल है अंदर-------
मोहब्बत का दरिया,
निरन्तर- निरन्तर-----
वो चाँद में देखती,
चाँद को आज अपने------
ओस कि बूंदों से,
पलकें सजाकर------
रचित दिवस- शनिवार
दिनांक-27/10/2018
शिवकान्ति आर कमल
(तनु जी)
*मोहब्बत का दरिया निरंतर*
हर तरफ चाँद है,
चांदनी भी है शीतल----
ओस की बूंदों से पलकें सजाकर,,,,
वो चाँद में देखती,
चाँद को आज अपने----
चाँद के जैसी दुल्हन,
यूँ अम्बर से कहती----
छुपाया क्यों है तूने,
आज चाँद अपना-----
मुद्दत है गुजरी बिना चाँद देखे,,,,
जी भर निहारूँ,,,
चाँद सा अपना सजना------
चाहतों में भी,
कुछ खुमारी भरी है,,,,,
दिलों में अजब,
बेकरारी बढ़ी है-----
दिल की बेचैनियां,
न उनकी बढ़ा,,,,
चाँद जिसका है दूर,
सरहद पर खड़ा------
चाँद में अपना चंदा,
निहारा करें,,,,
दिलवर को दिल से,
पुकारा करें------
हवा का ये झोंका,
दिल में जो धँसता----
मोहब्बत का प्याला है,
पल-पल छलकता-----
दिल के समंदर का साहिल है अंदर-------
मोहब्बत का दरिया,
निरन्तर- निरन्तर-----
वो चाँद में देखती,
चाँद को आज अपने------
ओस कि बूंदों से,
पलकें सजाकर------
रचित दिवस- शनिवार
दिनांक-27/10/2018
शिवकान्ति आर कमल
(तनु जी)