फर्ज निभाओ इस तरह कि,
अपने वजूद का भी ख्याल न रहे----
ऐसा हो नहीं सकता कि,
तुमपर कोई सवाल न रहे-----
चाहा गर किसी को तो फिर,
चाहो इस तरह कि----
धोखे खाने का भी मलाल न रहे----
16/10/18
शिवकान्ति आर कमल
(तनु जी)
अपने वजूद का भी ख्याल न रहे----
ऐसा हो नहीं सकता कि,
तुमपर कोई सवाल न रहे-----
चाहा गर किसी को तो फिर,
चाहो इस तरह कि----
धोखे खाने का भी मलाल न रहे----
16/10/18
शिवकान्ति आर कमल
(तनु जी)
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