Wednesday, February 20, 2019

ओ३म्
नमस्ते जी 🙏
सुप्रभातं 💐

जय श्री राम 🚩

मित्रों हम जीवन में बहुत बार ऐसी विषम परिस्थितयों से गुजरते हैं जिसकी हमने कल्पना नही की होती है ऐसे वक्त हमारा दिमांग शून्य हो जाता है ऐसा लगता है हमारे जीवन के सारे रास्ते बन्द हो गए। हम इंसान हैं विचलित होना स्वाभाविक है। परिस्थिति कैसी भी हो उसका सामना ईश्वर की भक्ति और स्वचिन्तन से ही किया जा सकता है।
ऐसी स्थति में संयम रखें, मौन धारण करें यदि आपका शरीर निढाल सा लग रहा तो कुछ समय के लिए यथास्थान बैठ जाएँ। ईश्वर को याद करें अपनी सारी ऊर्जा को एकत्रित करें और फिर से चल दें अपने सद्कर्मों को अंजाम देने। हमेशा याद रखें *जिंदगी अपने भरोसे चलती है दूसरों के कांधे पर जनाजे जाया करते हैं*
यदि आप किसी के भरोसे जीने निकलें तो याद रखें कि वो व्यक्ति यदि किसी कारण बस आपका साथ न दे पाया या उसने धोखा दे दिया तो ऐसी परिस्थिति में आप क्या करेंगे। जिंदगी में जब भी संघर्ष करने निकलें स्वयं को हर परिस्थिति से अवगत कराकर हर पहलू पर चिंतन और मनन करके।
हमें स्वयं ही आगे जाना है हर हाल में हर कीमत पर----✍🏻

मेरे अनुभव मेरे विचार मेरी कलम से------

ओ३म्
दिन-गुरूवार
दिनाँक २१/०२/१९
आर्या शिवकान्ति आर कमल
(तनु जी)

Monday, February 18, 2019

पुलवामा में शहीद वीरों को श्रद्धांजलि

१४/०२/१९ के दिवस शहीद होने वाले देश के महान वीरों को नमन 😢🙏🏻💐

उनके सम्मान में कुछ शब्द लिखने का प्रयाश---✍🏻

ओ वीर तुम्हारी शहादत पर,
कुछ शब्द संचित करती हूँ-
हृदय में उठती पीड़ा को,
कलम समर्पित करती हूँ-

ज्ञान चक्षु सब शून्य हुए,
वीरों की कुर्बानी से,,
वो टुकड़ों में घर पहुंचे हैं,
क्या लिखूं मैं अपनी,
वाणी से---

सजनी देख रहीं थीं राहें,
साजन जी घर आएंगे--
बिरहा की रातें भूलूंगी,
वो प्यार का तोहफा लाएंगे,,,

बचपन की यादें डसती हैं,
उन भाई के बहनों को---
नन्हें हाथों से गूंथा था,
बचपन में फूल के गहनों को,,

कभी है गुमशुम,
 कभी है रोती,
कभी शून्य सी देख रही,
हे ईश्वर उनको हिम्मत दे,
अब रहा उन्हें विवेक नहीं---

वो अपनी कोख से पूछ रही,
ललन हमारा किधर गया,,
हमें वहां तक ले जाओ,
जिगर का टुकड़ा जिधर गया--

पिता की आंखें पत्थर हो गयीं,
देह है जिन्दा, साँसें सो गयीं---
कायरों ने आघात किया,
छुपकर पीठ पर वार किया,,,

देश के इन गद्दारों को,
कर्ज अदा अब करना होगा,,
ओ सुअरों की औलादों,
तुमको भी अब, मरना होगा---

देख जवानों के टुकड़े,
तुम आज पटाखे फोड़ रहे,,,
याद रखो,
तुम अपने सर से,
अपनी ही छत तोड़ रहे---

जन-जन का लहू खौल रहा,
तुम्हारी है अब खैर नहीं---
हमने अब कहना छोड़ दिया,
कि हमें किसी से बैर नहीं---

हम यूँ न रोते आज,
अगर युद्ध वो कर पाते---
सामने वार जो करते तुम,
वो युद्ध भूमि से घर जाते---

भारत माँ के वीरों की,
कुर्बानी यूँ न जायेगी---
भारत भूमि के जन-जन में अब,
और बगावत आएगी---

शीश झुकाकर नमन करूँ,,
सलामी समर्पित करती हूँ,,,
हे वीरों तुम स्वीकार करो,
श्रद्धांजलि अर्पित करती हूँ-----
💐💐💐💐💐💐🙏🏻
दिन-रविवार
दिनाँक-१७/०२/१९
आर्या शिवकान्ति आर कमल
(तनु जी)

Sunday, February 10, 2019

तड़प

मेरी त्वरित रचना
बिना किसी संसोधन 🙏🏻
*तड़प*

हम तड़पते हैं,
कभी अपनों के लिए------
कभी अपने सपनों के लिए-----
कभी तड़प उठते हैं अहंकार में----
कभी बिछड़ते हुए प्यार में-----

हम गरीबी में तड़पते हैं रोटी के लिए,,,,,
कभी तन पर फटी,
 धोती के लिए-----

कभी तड़प उठते हैं,,,
धोखे खाकर----
कभी खो देते हैं बहुत कुछ,
भरोसे में आकर-------

कभी मौत खड़ी है सामने,
और तड़पते हैं जिंदगी के लिए----
जब जिंदगी गले पड़ी थी,
तो हम तड़पे थे,
खुदकुशी के लिए-----

कोई हमें तड़पा जाता है,
जख्मों को कुरेद कर----
कोई हमें राह दिखा जाता है,,
मौत को भी खदेड़ कर----

हम यह सोंचकर तड़पते रह गए,
कि कल क्या होगा---?
ये समझने में देर कर दी,,,,
कि सच में कल!!!!
होगा क्या?????

तड़प में भूल गए हम,
 उद्देश्य अपना,,,,
हम खप तो रहे थे हरपल,
लेकिन निरर्थक था वो खपना------

क्यों न जी लें,,,
इस तड़प को दरकिनार करके----
हमारी जिंदगी का आज ही तो है,,,
आखिरी दिन,,,
यह याद करके-----

मौत आनी है,
वो तो आएगी ही,,,
और हम फिर आएंगे मौत के बाद---

आना-जाना तो लगा ही रहेगा----
लेकिन अभी का क्या,,,,,
जो सीखा है अभी तक,,,
उसी सीख से जी लें जरा-----

मौत से पहले कुछ करके जाना है,,,
जिंदगी के इस दरिया को,
तर के जाना है-----
इस तड़प ने हमें है तड़पाया बहुत,,,
अब तड़प में न खुद को,
डुबाना है-----
ऐ तड़प अब तेरी कब्र,,,,
मुझमें बनाना है-----
ऐ तड़प अब तेरी कब्र,
मुझमें बनाना है---

ओउम्
नमस्ते जी

जय श्री राम 🚩

दिनाँक १०/०२/१९
दिन-रविवार
निर्देश-एडेटिंग कॉपी पेस्ट वर्जित

आर्या शिवकान्ति आर कमल
(तनु जी)

Tuesday, February 5, 2019

नमीं हो गर आँखों में,
तो महफ़िलें कहाँ मिलती हैं,,,,

सिसकियों की कब्र को,
मंजिलें कहाँ मिलती हैं!!!!

कुर्बानियां माँगती है हरपल जिंदगी यहाँ,,,,
वरना हर किसी की मौत पर,,
शहादतें कहाँ मिलती हैं----✍🏻

०६/०२/१९
आर्या शिवकान्ति आर कमल
(तनु जी)

Sunday, February 3, 2019

जब तन्हा हों

सभी श्रेष्ठजनों को मेरी नमस्ते 🙏🏻
जय श्री राम 🚩

*जब तन्हा हों*

जब आप तन्हा हों क्या करें। मादक पदार्थो के बारे में तो कभी न सोंचें क्यों कि इनकी एक बार लत लग गयी तो आपका मौलिक, नैतिक सारा पतन करके ही छोड़ेगी और आप तन्हा के तन्हा ही रह जायेंगे। ऐसे में उन लोंगो को अपनी तकलीफ बताने के लिए बिलकुल भी न चुने जो आपकी हिम्मत बढ़ाते तो नहीं बल्कि दुनिया का डर दिखाकर आपको कमजोर बनाते हैं। यदि आपका दिल रोने का कर रहा तो अपने आपको रोकें नहीं बंद कमरे में दर्द बह जाने दें परंतु समय से पहले अपनी सारी ताकत समेट कर खड़े हो जाएँ और अपने आंसुओं को स्वयं अपने हाथों से सुखाएं।
स्वयं का मूल्यांकन करें। लम्बी साँस खींचकर अपने ध्यान को केंद्रित करते हुए याद रखें इस वक्त आप अकेले हैं कन्धा भी आपका है दर्द भी आपका इसलिए आपको अपनी ताकत स्वयं बनना है।
आप मरना चाहते हैं तो याद करें मौत तो कुदरत का नियम है यह कोई सब्जी रोटी तो नहीं कि हम नहीं बनाएंगे तो नहीं बनेगी मौत तो पहले से ही बनी बनायी है उसे कोई टाल नहीं सकता तो फिर हम क्यों कुदरत के नियम में टांग लगाएँ।
आपकी तन्हाई सिर्फ आप दूर कर सकते हैं। चिंतन और चिंतन लगातार चिंतन जो हो रहा क्यों हो रहा, उसका इलाज क्या है, अकेलेपन के वजह को ख़त्म करने के लिए पीछे जाना है या वजह को वहीँ छोड़कर आगे बढ़ना है| यह मौका है अपनी ताकत पहचानने का, अंधेरों से लड़ने का और अपनी आंतरिक शक्ति को पहचानने का।

जितनी देर तुम खुद को बर्बाद करने में, मैं तन्हा हूँ यह सोंचने में वक्त लगाओगे उतने समय के लिए आइना उठाकर खुद को उसमें देखो स्वयं से बातें करो, अपने कर्मों का मूल्यांकन करो, जीवन का उद्देश्य याद करो, टिक-टिक करती वक्त की घड़ी देखो जो तुम्हें तुम्हारी मौत की ओर स्वतः ही ले जा रही है।

फिर उठ खड़े हो जाओ अरे वक्त निकलता जा रहा है हमें जीना है मरने से पहले---
हमें कुछ सार्थक करना है मरने से पहले----मत सोंचों क्या होगा कर्म हमारे हाथ में है, मेहनत हमारे हाथ में है--- जो हमारे हाथ में है वो है मेहनत तो पूरी ऊर्जा उसी में लगा दें------स्वयं को खाली न बैठने दें जब खाली  हों तब ईश्वर भक्ति का आनन्द लें योग करें| किसी संघर्षवान स्त्री या पुरुष की जीवनकथा सामने रखें उसके आदर्श और चरित्र को सामने रखें आप पाएंगे कि आप तन्हा नहीं हैं एक अदृश्य शक्ति आपका मार्गदर्शन कर रही है और आप में एक नयी ऊर्जा का संचार महशूस करेंगे----माना कि यह सब मुश्किल है लेकिन असंभव नहीं----

*जिंदगी कभी आसां  नहीं होती मौत की तरह------*

*लेकिन इसका लिबास भी तो सफ़ेद कहाँ होता है साहिब---*

*जिंदगी 🌱💐🌹🌵🌈💥🔥🌞🌧🌪🌍 🌊❤💔🎻🎲🎣🌗🌑☂🌿🍀🎍🌷🌳🥀🍂 ऐसी है------*

ओउम्
मेरे विचार मेरी कलम से---✍🏻

दिन-सोमवार
दिनाँक-०४/०२/१९
निर्देश-एडेटिंग कॉपी पेस्ट वर्जित

आर्या शिवकान्ति आर कमल
(तनु जी)