ओ३म्
नमस्ते जी 🙏
सुप्रभातं 💐
जय श्री राम 🚩
मित्रों हम जीवन में बहुत बार ऐसी विषम परिस्थितयों से गुजरते हैं जिसकी हमने कल्पना नही की होती है ऐसे वक्त हमारा दिमांग शून्य हो जाता है ऐसा लगता है हमारे जीवन के सारे रास्ते बन्द हो गए। हम इंसान हैं विचलित होना स्वाभाविक है। परिस्थिति कैसी भी हो उसका सामना ईश्वर की भक्ति और स्वचिन्तन से ही किया जा सकता है।
ऐसी स्थति में संयम रखें, मौन धारण करें यदि आपका शरीर निढाल सा लग रहा तो कुछ समय के लिए यथास्थान बैठ जाएँ। ईश्वर को याद करें अपनी सारी ऊर्जा को एकत्रित करें और फिर से चल दें अपने सद्कर्मों को अंजाम देने। हमेशा याद रखें *जिंदगी अपने भरोसे चलती है दूसरों के कांधे पर जनाजे जाया करते हैं*
यदि आप किसी के भरोसे जीने निकलें तो याद रखें कि वो व्यक्ति यदि किसी कारण बस आपका साथ न दे पाया या उसने धोखा दे दिया तो ऐसी परिस्थिति में आप क्या करेंगे। जिंदगी में जब भी संघर्ष करने निकलें स्वयं को हर परिस्थिति से अवगत कराकर हर पहलू पर चिंतन और मनन करके।
हमें स्वयं ही आगे जाना है हर हाल में हर कीमत पर----✍🏻
मेरे अनुभव मेरे विचार मेरी कलम से------
ओ३म्
दिन-गुरूवार
दिनाँक २१/०२/१९
आर्या शिवकान्ति आर कमल
(तनु जी)
नमस्ते जी 🙏
सुप्रभातं 💐
जय श्री राम 🚩
मित्रों हम जीवन में बहुत बार ऐसी विषम परिस्थितयों से गुजरते हैं जिसकी हमने कल्पना नही की होती है ऐसे वक्त हमारा दिमांग शून्य हो जाता है ऐसा लगता है हमारे जीवन के सारे रास्ते बन्द हो गए। हम इंसान हैं विचलित होना स्वाभाविक है। परिस्थिति कैसी भी हो उसका सामना ईश्वर की भक्ति और स्वचिन्तन से ही किया जा सकता है।
ऐसी स्थति में संयम रखें, मौन धारण करें यदि आपका शरीर निढाल सा लग रहा तो कुछ समय के लिए यथास्थान बैठ जाएँ। ईश्वर को याद करें अपनी सारी ऊर्जा को एकत्रित करें और फिर से चल दें अपने सद्कर्मों को अंजाम देने। हमेशा याद रखें *जिंदगी अपने भरोसे चलती है दूसरों के कांधे पर जनाजे जाया करते हैं*
यदि आप किसी के भरोसे जीने निकलें तो याद रखें कि वो व्यक्ति यदि किसी कारण बस आपका साथ न दे पाया या उसने धोखा दे दिया तो ऐसी परिस्थिति में आप क्या करेंगे। जिंदगी में जब भी संघर्ष करने निकलें स्वयं को हर परिस्थिति से अवगत कराकर हर पहलू पर चिंतन और मनन करके।
हमें स्वयं ही आगे जाना है हर हाल में हर कीमत पर----✍🏻
मेरे अनुभव मेरे विचार मेरी कलम से------
ओ३म्
दिन-गुरूवार
दिनाँक २१/०२/१९
आर्या शिवकान्ति आर कमल
(तनु जी)
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