Tuesday, February 5, 2019

नमीं हो गर आँखों में,
तो महफ़िलें कहाँ मिलती हैं,,,,

सिसकियों की कब्र को,
मंजिलें कहाँ मिलती हैं!!!!

कुर्बानियां माँगती है हरपल जिंदगी यहाँ,,,,
वरना हर किसी की मौत पर,,
शहादतें कहाँ मिलती हैं----✍🏻

०६/०२/१९
आर्या शिवकान्ति आर कमल
(तनु जी)

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