Monday, November 12, 2018

होंठ अक्सर तब खामोश होते हैं दुनिया की अदालत में साहिब--------

जब जख्म भी अपने हों और जख्म देने वाला भी अपना-------

12/11/18
शिवकान्ति आर कमल
(तनु जी) की कलम से

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