*ओउम्*
आप सभी श्रेष्ठ जनों को नमस्ते करती हूँ--- 🙏🏻
श्री राम, श्री कृष्ण की इस पावन धरा पर सदैव उनकी जयकार हो----🚩
*जय जय श्री राम*
बहुत लोग कहते हैं ईश्वर जैसा कुछ नहीं है जबकि उंन्हें भी अन्तर्मन में कुछ कुलबुलाता सा महसूश होता है लेकिन वो डर के मारे उसे दबोच देते हैं।
डर लगता है ऐसे लोंगो को यदि वो ईश्वर का अस्तित्व स्वीकार कर लेंगे तो कहीं उन्हें मिथ्याभाषण, पाप आदि करने से डर न लगने लगे।
कुछ ऐसे लोग भी हैं जो कहते हैं ईश्वर सब देखता है और ऐसा कहते वक्त उनकी जुबान लड़खड़ाती है या फिर नजरे बगलें झाँकती हैं| दरअसल उंन्हें पता होता है कि ईश्वर सच में सब देख रहा है और यदि उसने सबको दिखा दिया तो क्या होगा?
फिर भी ऐसे व्यक्ति अपनी धृष्टता और अभिमान के कारण अपने अधोगति का मार्ग प्रशस्त करता रहता है। वो हासिल करता है धन, दौलत, जमीन, जायदाद, चालाकी का पुरस्कार् भी,,,,,,लेकिन उसे कभी सच्चे सुख की अनुभूति नही होती इसी कारण वो उम्र के आखिरी पड़ाव पर भी छटपटाता रहता है बहुत कुछ पाने को---- क्या पाना चाहता है उसे नही पता, क्यों जीना चाहता है उसे नही पता और वह वंचित रह जाता है एक सुखद नींद से---------------
*ओउम्*
मेरे विचार मेरी कलम से---- ✍🏻
दिन-मंगलवार
दिनाँक-२२/०१/१९
*आर्या शिवकान्ति आर कमल* (तनु जी)
आप सभी श्रेष्ठ जनों को नमस्ते करती हूँ--- 🙏🏻
श्री राम, श्री कृष्ण की इस पावन धरा पर सदैव उनकी जयकार हो----🚩
*जय जय श्री राम*
बहुत लोग कहते हैं ईश्वर जैसा कुछ नहीं है जबकि उंन्हें भी अन्तर्मन में कुछ कुलबुलाता सा महसूश होता है लेकिन वो डर के मारे उसे दबोच देते हैं।
डर लगता है ऐसे लोंगो को यदि वो ईश्वर का अस्तित्व स्वीकार कर लेंगे तो कहीं उन्हें मिथ्याभाषण, पाप आदि करने से डर न लगने लगे।
कुछ ऐसे लोग भी हैं जो कहते हैं ईश्वर सब देखता है और ऐसा कहते वक्त उनकी जुबान लड़खड़ाती है या फिर नजरे बगलें झाँकती हैं| दरअसल उंन्हें पता होता है कि ईश्वर सच में सब देख रहा है और यदि उसने सबको दिखा दिया तो क्या होगा?
फिर भी ऐसे व्यक्ति अपनी धृष्टता और अभिमान के कारण अपने अधोगति का मार्ग प्रशस्त करता रहता है। वो हासिल करता है धन, दौलत, जमीन, जायदाद, चालाकी का पुरस्कार् भी,,,,,,लेकिन उसे कभी सच्चे सुख की अनुभूति नही होती इसी कारण वो उम्र के आखिरी पड़ाव पर भी छटपटाता रहता है बहुत कुछ पाने को---- क्या पाना चाहता है उसे नही पता, क्यों जीना चाहता है उसे नही पता और वह वंचित रह जाता है एक सुखद नींद से---------------
*ओउम्*
मेरे विचार मेरी कलम से---- ✍🏻
दिन-मंगलवार
दिनाँक-२२/०१/१९
*आर्या शिवकान्ति आर कमल* (तनु जी)
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