सभी श्रेष्ठजनों को मेरी नमस्ते-----
आज हमारी कलम से एक प्रेमी द्वारा अपनी प्रेयसी से प्रणय निवेदन पर एक रचना प्रस्तुत करने का प्रयाश------ ✍🏻🙏🏻
*मन देखे तुमको दर्पण में*
हे प्रिये तुम्हारे नैनों में,
मैं वजूद अपना तलाश रहा----
तुम वजह बनी हो जीने की,
तेरा साया जबसे साथ रहा----
मन केशरिया रहता हरपल,
प्रिये तुम्हारी यादों में-----
तुम फूल ढाक के लगती हो,
इन वसंत जैसे ख्वाबों में-----
ये हृदय तुम्हारा दास हुआ,
तुम मेरे मन की मधुवन है,,,,,
मैं आसमां सा तड़प रहा,
तुम इन्तजार का सावन हो-----
मन से लेकर धड़कन तक,
अजनबी से लेकर बंधन तक-----
क्या तुम भी मुझे सजाओगी,,,
पायल से लेकर कंगन तक-----
तुम दर्पण मेरे, मेरे मन दर्पण की,
मन तुमको देखे दर्पण में-----
नित सींच रहा हूँ, प्रिये तुम्हें,
अपने दिल के आँगन में----
तुम मेरे मन का मंदिर हो,
मैं प्रेम पुजारी हूँ तेरा-----
चाहूँ मैं बस प्रेम का आँचल,
नहीं शिकारी हूँ तेरा------
था तुम बिन पतझड़,
जीवन अब तक-----
अब तन-मन तुम पर हार रहा----
हे प्रिये तुम्हारे नैनों में,,,
मैं वजूद अपना तलाश रहा---✍🏻
दिन-बुधवार
दिनांक- 12/12/18
निर्देश-एडेटिंग कॉपी पेस्ट वर्जित
आर्या शिवकान्ति आर कमल
(तनु जी)
आज हमारी कलम से एक प्रेमी द्वारा अपनी प्रेयसी से प्रणय निवेदन पर एक रचना प्रस्तुत करने का प्रयाश------ ✍🏻🙏🏻
*मन देखे तुमको दर्पण में*
हे प्रिये तुम्हारे नैनों में,
मैं वजूद अपना तलाश रहा----
तुम वजह बनी हो जीने की,
तेरा साया जबसे साथ रहा----
मन केशरिया रहता हरपल,
प्रिये तुम्हारी यादों में-----
तुम फूल ढाक के लगती हो,
इन वसंत जैसे ख्वाबों में-----
ये हृदय तुम्हारा दास हुआ,
तुम मेरे मन की मधुवन है,,,,,
मैं आसमां सा तड़प रहा,
तुम इन्तजार का सावन हो-----
मन से लेकर धड़कन तक,
अजनबी से लेकर बंधन तक-----
क्या तुम भी मुझे सजाओगी,,,
पायल से लेकर कंगन तक-----
तुम दर्पण मेरे, मेरे मन दर्पण की,
मन तुमको देखे दर्पण में-----
नित सींच रहा हूँ, प्रिये तुम्हें,
अपने दिल के आँगन में----
तुम मेरे मन का मंदिर हो,
मैं प्रेम पुजारी हूँ तेरा-----
चाहूँ मैं बस प्रेम का आँचल,
नहीं शिकारी हूँ तेरा------
था तुम बिन पतझड़,
जीवन अब तक-----
अब तन-मन तुम पर हार रहा----
हे प्रिये तुम्हारे नैनों में,,,
मैं वजूद अपना तलाश रहा---✍🏻
दिन-बुधवार
दिनांक- 12/12/18
निर्देश-एडेटिंग कॉपी पेस्ट वर्जित
आर्या शिवकान्ति आर कमल
(तनु जी)
No comments:
Post a Comment