न मांगो हिसाब मेरा,,,,
अब बेहिसाब रहने दो--------
मेरी अदालत में मेरी,
किताब रहने दो-----
अच्छे नहीं लगते अब,
हमें गम के साए----
छाँव में तुम रहो,,,,,,
हमें आफ़ताब रहने दो---✍🏻🔥
२८/१२/१८
आर्या शिवकान्ति--------
अब बेहिसाब रहने दो--------
मेरी अदालत में मेरी,
किताब रहने दो-----
अच्छे नहीं लगते अब,
हमें गम के साए----
छाँव में तुम रहो,,,,,,
हमें आफ़ताब रहने दो---✍🏻🔥
२८/१२/१८
आर्या शिवकान्ति--------
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