Thursday, December 27, 2018

न मांगो हिसाब मेरा,,,,
अब बेहिसाब रहने दो--------
मेरी अदालत में मेरी,
किताब रहने दो-----

अच्छे नहीं लगते अब,
हमें गम के साए----
छाँव में तुम रहो,,,,,,
हमें आफ़ताब रहने दो---✍🏻🔥

२८/१२/१८
आर्या शिवकान्ति--------

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