*नफरत नहीं मेरा किरदार है*
जमाने से जमकर फँसाने हुये,,,,,
फिर भी हम उनके,
दीवाने हुये!!!!!
पल-पल घरौंदे उजड़ते रहे,,,,
फिर भी इस दिल में,
घराने हुये&&&&&
वज्र पड़ते रहे,
धरा तपती रही||||
उम्मीदों की घड़ियाँ भी,
हँसती रहीं......
कोई था.....मगन....
कोई नम सा हुआ,,,,,
कोई गम में भी होकर,,,,
मरहम सा हुआ||||
हर *ऊषा* किसी की,
*निशा* सी हुयी.....
किसी का सबेरा,
जखम सा हुआ!!!!!!
हर घड़ी जिंदगी है,
चुनौती यहाँ.........
वक्त पर न किसी की,
बपौती यहाँ.......
दर्द की हर घड़ी में,
जो पतवार है.....
मुझमें समाया मेरा,
यार है.......
मुहब्बत में मिट जाऊँ,
मन्जूर मुझको.....
*नफरत नहीं मेरा*
*किरदार है*
दुआओं में वो है,
वफाओं में हम हैं.......
*मेरे दिल में तेरे, कैदखाने हुये*
जमाने से जमकर फँसाने हुये,,,,,,
फिर भी हम उनके,
दीवाने हुये.......
*स्वरचित*
दिन- सोमवार
दिनांक १८/०६/२९१८
नोट- एडिटिंग कॉपी पेस्ट वर्जित
शिवकान्ति आर कमल
( तनु जी )
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